योग के साथ राजयोग से होगा मनुष्य का सम्पूर्ण विकास
आबू रोड़, 26 मई, निस.। शरीर को सम्पूर्ण स्वस्थ्य रखने के लिए संतुलित भोजन की जितनी आवश्यकता हैं उतना ही महत्व दैनिक जीवनचर्या में योग और राजयोग का भी हैं। शरीर को पूर्ण स्वस्थ्य रखने के लिए योग और मानसिक, सामाजिक, आध्यत्मिक रूप से तन्दरुस्ती के लिए राजयोग को जीवन में शामिल करना आवश्यक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शारीरिक, मानसिक, समाजिक, अध्यात्मिक रूप से सम्पूर्ण स्वस्थ्य व्यक्ति को पूर्ण स्वस्थ्य मना गया हैं और ये तभी सम्भव हैं जब हम अपने दैनिकी जीवन में योग और राजयोग को शामिल करें। उक्त विचार ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में 38वां अखिल भारतीय बाल व्यकित्त्व विकास शिविर में आए बच्चों के लिए दादी प्रकाशमणी पार्क में आयोजित योग और राजयोग अभ्यास कार्यक्रम में शिक्षा प्रभाग के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर डा. हरीश शुक्ला ने देश भर से आए हुए लगभग चार हजार बच्चों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि जीवन में राजयोग को शामिल करने से विद्यार्थियों के बौद्विक क्षमता, स्मरण शक्ति, एकाग्रता जैसे अनेक गुण आतें हैं। देश के कोने-कोने से आये हुए बच्चों ने बड़ी ही उत्साहित होकर कार्यक्रम में भाग लिया और दैनिकी जीवन चर्या में योग और राजयोग को शमिल करने की भी संकल्प किया। बच्चों को बड़े ही बारिकी से योगा प्रशिक्षक बीके बाबू भाई ने म्यूजिक के साथ योगा अभ्यास कराया।